मन्नू जी की स्मृति में दोहे

मन्दसौर में जन्म ली, इकतीस रहा साल
नई कथा की लेखिका, करती रही धमाल

आया "बंटी आपका", या रचा "महाभोज"
दिन दूना नित आपका, फैला लेखन ओज

राजेन्द्र व मन्नू नमन, थे श्रेष्ठ कथाकार
दम्पति दोनों ही कुशल, सुलझे रचनाकार

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श्रद्धासुमन:— महावीर उत्तरांचली

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